साकेत न्यूज संवाददाता अम्बेडकर नगर
अम्बेडकरनगर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर के तत्वावधान में दो महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। एक ओर जहां अपर जिला जज/सचिव श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता द्वारा जिला कारागार का आकस्मिक निरीक्षण कर बंदियों को विधिक अधिकारों की जानकारी दी गई, वहीं दूसरी ओर “साथी अभियान” के अंतर्गत निराश्रित बच्चों के आधार कार्ड बनवाने पर विशेष बल दिया गया।कारागार में आयोजित विधिक साक्षरता शिविर में बंदियों को बीएनएसएस की धारा 479 तथा निःशुल्क विधिक सहायता की विस्तृत जानकारी दी गई।

शिविर में जेल अधीक्षक श्री शशिकांत मिश्र, जेलर श्री संतोष कुमार, डिप्टी जेलर व अन्य अधिकारीगण तथा पराविधिक स्वयंसेवकों ने भाग लिया।अपर जिला जज/सचिव श्री गुप्ता ने बंदियों को जानकारी दी कि वे एक साधारण प्रार्थना पत्र के माध्यम से निःशुल्क अधिवक्ता प्राप्त कर सकते हैं, जिससे उन्हें मुकदमों में न्याय मिल सके।

उन्होंने जेल प्रशासन को निर्देशित किया कि जमानत होने के बावजूद जमानतदार के अभाव में बंदियों की जानकारी समय-समय पर प्राधिकरण को उपलब्ध कराई जाए, ताकि उचित विधिक सहायता उपलब्ध कराई जा सके। साथ ही उच्च न्यायालय में अपील हेतु मदद करने के भी निर्देश दिए गए।
कारागार में आयोजित विधिक साक्षरता शिविर में बंदियों को बीएनएसएस की धारा 479 तथा निःशुल्क विधिक सहायता की विस्तृत जानकारी दी गई। शिविर में जेल अधीक्षक श्री शशिकांत मिश्र, जेलर श्री संतोष कुमार, डिप्टी जेलर व अन्य अधिकारीगण तथा पराविधिक स्वयंसेवकों ने भाग लिया।अपर जिला जज/सचिव श्री गुप्ता ने बंदियों को जानकारी दी कि वे एक साधारण प्रार्थना पत्र के माध्यम से निःशुल्क अधिवक्ता प्राप्त कर सकते हैं,
जिससे उन्हें मुकदमों में न्याय मिल सके। उन्होंने जेल प्रशासन को निर्देशित किया कि जमानत होने के बावजूद जमानतदार के अभाव में बंदियों की जानकारी समय-समय पर प्राधिकरण को उपलब्ध कराई जाए, ताकि उचित विधिक सहायता उपलब्ध कराई जा सके। साथ ही उच्च न्यायालय में अपील हेतु मदद करने के भी निर्देश दिए गए।इस अवसर पर “साथी अभियान” के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय में समिति की बैठक भी आयोजित की गई। बैठक में श्री गुप्ता ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य बेसहारा एवं निराश्रित बच्चों को कानूनी पहचान दिलाना है,
ताकि वे सरकारी योजनाओं, शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठा सकें।बैठक में जिला प्रोबेशन अधिकारी, जिला महिला एवं बाल विकास इकाई, और जिला समाज कल्याण अधिकारी समेत समिति के सदस्य शामिल हुए। सभी संबंधित विभागों को निर्देशित किया गया कि कोई भी बच्चा विधिक पहचान और अधिकारों से वंचित न रहे।यह दोहरी पहल न केवल बंदियों को न्याय दिलाने की दिशा में एक सशक्त कदम है, बल्कि सामाजिक रूप से उपेक्षित बच्चों को मुख्यधारा में लाने का भी प्रयास है, जिसे समाज के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।
बैठक में श्री गुप्ता ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य बेसहारा एवं निराश्रित बच्चों को कानूनी पहचान दिलाना है, ताकि वे सरकारी योजनाओं, शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठा सकें।बैठक में जिला प्रोबेशन अधिकारी, जिला महिला एवं बाल विकास इकाई, और जिला समाज कल्याण अधिकारी समेत समिति के सदस्य शामिल हुए।
सभी संबंधित विभागों को निर्देशित किया गया कि कोई भी बच्चा विधिक पहचान और अधिकारों से वंचित न रहे।यह दोहरी पहल न केवल बंदियों को न्याय दिलाने की दिशा में एक सशक्त कदम है, बल्कि सामाजिक रूप से उपेक्षित बच्चों को मुख्यधारा में लाने का भी प्रयास है, जिसे समाज के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।