साकेत न्यूज संवाददाता अम्बेडकर नगर
अंबेडकर नगर। गंगा सप्तमी के पावन अवसर पर लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश प्रेस क्लब में गंगा समग्र (आरएसएस से सम्बद्ध संस्था) की अवध प्रांत स्तरीय प्रांतीय कार्यकारिणी बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामाशीष की मुख्य उपस्थिति रही। इस बैठक का उद्देश्य मां गंगा सहित देश की जीवनदायिनी नदियों की अविरलता एवं निर्मलता को लेकर जनजागरूकता, भागीदारी और भावी कार्ययोजना पर विमर्श करना रहा। बैठक में पर्यावरणीय एवं सांस्कृतिक दृष्टिकोण से नदियों के संरक्षण को लेकर विस्तार से विचार-विमर्श हुआ।

इस महत्वपूर्ण बैठक में अंबेडकर नगर जनपद से जिला संयोजक पंडित राकेश कुमार मिश्रा, कोष प्रमुख अनिरुद्ध अग्रवाल और जिला सह संयोजक दिनेश नारायण सिंह ने सक्रिय सहभागिता की। अंबेडकर नगर की टीम ने जिले में अब तक चलाए गए जन-जागरूकता अभियानों, श्रमदान कार्यक्रमों और नदी संरक्षण संबंधित गतिविधियों की रिपोर्ट बैठक में प्रस्तुत की, जिसे सराहा गया।

राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामाशीष ने कहा कि गंगा केवल एक नदी नहीं, यह हमारी सांस्कृतिक आत्मा और करोड़ों भारतीयों की आस्था की प्रतीक है। इसे अविरल और निर्मल बनाए रखने के लिए केवल सरकारी योजनाओं के भरोसे नहीं रहा जा सकता, इसके लिए जन आंदोलन आवश्यक है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जब तक आम नागरिक विशेषकर युवा वर्ग इस अभियान से नहीं जुड़ते, तब तक गंगा जैसी नदियों का संरक्षण अधूरा रहेगा।

इस अवसर पर कोष प्रमुख अनिरुद्ध अग्रवाल ने युवाओं को नदी संरक्षण अभियान से जोड़ने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि जब युवा आगे आएंगे, तभी अभियान को जमीनी बल मिलेगा। जिला संयोजक पंडित राकेश कुमार मिश्रा ने धार्मिक और सांस्कृतिक उदाहरणों के माध्यम से मां गंगा की महिमा और वर्तमान खतरे की ओर ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि पूजा से आगे बढ़कर अब संरक्षण की दिशा में सक्रिय होना होगा। वहीं, जिला सह संयोजक दिनेश नारायण सिंह ने ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहे जागरूकता कार्यों की जानकारी दी और बताया कि स्थानीय स्तर पर जल स्रोतों की सफाई, जल बचाओ रैलियों और नदी तटों पर अभियान नियमित रूप से चलाए जा रहे हैं।
बैठक के अंत में सभी कार्यकर्ताओं ने संकल्प लिया कि वे नदियों की रक्षा के लिए संपूर्ण समर्पण के साथ कार्य करेंगे। आने वाले समय में प्रत्येक जिले में मासिक बैठकें, श्रमदान कार्यक्रम और जनसंपर्क अभियान चलाकर नदी संरक्षण को जन आंदोलन का स्वरूप दिया जाएगा।