सम्पादक काशी मिश्रा
अम्बेडकर नगर जिले में लगभग हर विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी भष्ट्राचार के कंठ में दुबे है तो कैसे खत्म होगी भष्ट्राचार आज हम बात करने जा रहे अम्बेडकर नगर में संचालित हो रहे बसो के बारे में या कोई भी ठेका गाड़ी है। बताना चाहते हैं जिले में कोई भी बस जो अम्बेडकर नगर से पंजीकृत है फुट कर सवारियां ढोने के लिए अधीकृत नहीं है।
अम्बेडकर नगर आरटीओ कार्यालय में संवारिया ढोने के लिए केवल एक बस ही पंजीकृत है जिसका संचालन आजमगढ़ जिले में होता है बाकी जितनी भी बस है सब ठेका गाड़ी के रूप में, संचालित हो रही है।
क्या यात्रा के दौरान कोई घटना घटित होने पर सरकार द्वारा मुआवजा मिलती है अम्बेडकर नगर के रोड पर देखा जाए तो कोई भी बस फुटकर संवारिया ढोने के लिए अधीकृत नहीं है। साथ में छोटी गाड़ी का भी मीडिया सर्वे किया गया कही कोई गाड़ी फुट कर संवारिया ढोने के लिए अधीकृत नहीं है। अगर इन गाडियों से कोई दुर्घटना हो जाती है तो कोई मुआवजा नहीं मिलता अगर खुले तौर पर कहा जाए तो ठेका गाड़ी का मतलब केवल बुकिंग के लिए होता है।
जिले में सवारी गाड़ी/ टैक्सी गाड़ी परमिट न होने से यात्रियों को मजबूरी है ठेका गाड़ी में बैठना अगर जिले में टैक्सी गाड़ी होती तो यात्री टैक्सी गाड़ी पर ही अपना रूख करते क्योंकि टैक्सी में यात्रा के दौरान कोई घटना घटित होने होने यात्री को मुआवजा मिलता है। खुले तौर पर कहा जा सकता है।
इतने बड़े भष्ट्राचार का जड़ आर टी ओ साहब ही है क्योंकि आर टी ओ आफिस के सामने अगर कुछ देर खड़ा होकर देखा जाए तो हर 15 मिनट पर एक ठेका गाड़ी की बस जरूर गुजरेगी और छोटी ठेका गाड़ी तो हर मिनट दर्जनों की संख्या पार करती है क्या आर टी ओ साहब की नजर नहीं पड़ती है इन बसो पर
आर टी ओ साहब भी प्रति दिन फसते है ठेका गाड़ी के बीच में फिर भी क्यों नहीं लेते संज्ञान
आर टी ओ साहब जब आफिस के लिए निकलते हैं अगर बस नही मिला तो छोटे ठेका गाड़ी के दर्शन जरूर करते हैं तो क्यों नहीं कार्य वाही करते।