अम्बेडकरनगर थाने के हिस्ट्री शीटर को बचाने के लिए 12 को 17 बनाने वाली इब्राहिमपुर पुलिस विभागीय जांच में भले ही बेदाग हो गई हो लेकिन वर्दी पर लगा दाग और कुर्सी पर लगा कलंक अभी तक नही मिट सका है। मामला है 06.05.2025 का और घटना है एनटीपीसी चौकी इलाके की। पुलिस को एक चोरी से सबंन्धित शिकायत प्राप्त होती है जिसका सीसीटीवी फुटेज भी शिकायतकर्ता द्वारा उपलब्ध कराया गया।
पहला प्रार्थना पत्र 07.05.2025 को प्राप्त हुआ था लेकिन कम बरामदगी के कारण इलाके के सिपाही सुलह समझौता करवा दिए थें तथा शांति भंग की आशंका में चोरी का आरोपी तथा हिस्ट्रीशीटर विपिन कुमार का चालान कर दिया गया था। 11.05.2025 को इस घटना से संबंधित 10 हजार रुपये के सौदेबाजी का एक वीडियो वायरल हो गया जिसपर तत्काल प्रभाव से तत्कालीन पुलिस अधीक्षक केशव कुमार द्वारा चौकी प्रभारी जैद अहमद को लाइन हाज़िर और कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया था तथा अन्य के विरुद्ध विभागीय जांच के लिए तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक पश्चिम विशाल पाण्डेय को जांच अधिकारी नामित किया था।
12 को 17 बनाकर दर्ज किया गया था चोरी का मुकदमा
तथ्यों के अनुसार इतना सब कुछ होने के बाद शिकायतकर्ता से 12 तारीख को एक दूसरा प्रार्थना पत्र ले लिया हालांकि नए प्रार्थना पत्र पर भी मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। विभागीय जांच शुरू हुई सभी के बयान के बाद थानाध्यक्ष रितेश पाण्डेय के बयान से पहले 17 तारीख को 12 तारीख वाले प्रार्थना पत्र में छेड़छाड़ करते हुए 12 को 17 बना दिया गया और थानाध्यक्ष द्वारा मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना स्वयं ले लिया गया।

तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक ने दे दिया है क्लीन चिट
जाते-जाते तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक विशाल पाण्डेय ने पूरे प्रकरण में क्लीन चिट दे दिया गया लेकिन थाना प्रभारी द्वारा 17 तारीख को लिखे गए मुकदमे में आज तक नामजद आरोपी तथा इब्राहिमपुर थाने के हिस्ट्रीशीटर विपिन कुमार की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। यही कारण है की वर्दी पर लगे दाग और कुर्सी पर लगे कलंक को विवेचक नहीं मिटा पाए हैं। गौरतलब है के जांच के दायरे में रहने के कारण रितेश पाण्डेय से विवेचना स्थानांतरित होकर दरोगा मुनि मन रंजन द्विवेदी के पास चली गई। सूत्र बताते हैं कि नए विवेचक द्वारा नामजद आरोपी को जेल भेजने का प्रयास किया गया लेकिन साहब ने मना कर दिया।
दस हज़ार का असर या फिर रसूखदार है हिस्ट्रीशीटर
शायद पुलिस यह भूल गई है कि नामजद आरोपी कोई और नहीं बल्कि इब्राहिमपुर थाने का हिस्ट्रीशीटर विपिन कुमार है। चर्चा यह भी है कि कहीं ऐसा तो नहीं है कि जो दस हज़ार वशूली का वीडियो वायरल हुआ था उसका असर अभी तक है। या फिर यह मान लिया जाय कि हिस्ट्रीशीटर रसूखदार है जिसके आगे पुलिस नतमस्तक हो गई। इस पूरे प्रकरण में एक 27 हज़ार के साईकिल की चर्चा जोरों पर है।
विवेचक ने किया गिरफ्तारी न होने की पुष्टि
इस संबंध में जब विवेचक मुनि मन रंजन द्विवेदी से टेलीफोनिक वार्ता की गई तो उन्होंने कहा कि संबंधित प्रकरण में चार्जशीट जा चुकी है तथा बरामदगी न होने के कारण गिरफ्तारी नहीं हुई है।



